आजकल हर जगह कोरियन खाने का जादू छाया हुआ है, और इस जादू के पीछे एक बड़ा हाथ है उनके लाजवाब और अनगिनत साइड डिशेज़, जिन्हें हम “बनचन” कहते हैं। मैंने खुद महसूस किया है कि कैसे इन छोटे-छोटे व्यंजनों ने लोगों का दिल जीत लिया है। पहले कभी इन्हें सिर्फ कोरियन रेस्टोरेंट्स में ही देखा जाता था, लेकिन अब सोशल मीडिया से लेकर हर घर की रसोई तक इनकी धूम मची है। क्या आपको पता है कि ये सिर्फ कोरिया तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया में लोग इनके स्वाद के दीवाने हो रहे हैं?
इन बनचन की सादगी और स्वाद का अनोखा मेल ही इन्हें इतना खास बनाता है, और यही वजह है कि इनकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आइए, आज हम इसी बढ़ते क्रेज़ और बनचन की दुनिया में थोड़ा और गहराई से झाँकें। मैं आपको इस स्वादिष्ट सफर की पूरी कहानी बताती हूँ!
बनचन: स्वाद का वो जादू जिसने दुनिया को दीवाना बनाया

कोरियन डिश का असली सितारा: छोटे लेकिन दमदार व्यंजन
सच कहूँ तो, कोरियन खाने की बात करते ही सबसे पहले दिमाग में बिबिम्बैप या किमची-चिगे जैसे नाम आते थे, लेकिन अब मुझे लगता है कि असली जादू तो उन छोटी-छोटी कटोरियों में छिपा है जिन्हें हम ‘बनचन’ कहते हैं। ये सिर्फ़ साइड डिश नहीं हैं, बल्कि ये हर कोरियन मील की जान हैं। मेरी अपनी यात्रा में मैंने देखा है कि कैसे ये छोटे-छोटे व्यंजन किसी भी साधारण खाने को असाधारण बना देते हैं। चाहे वह तीखी किमची हो, कुरकुरी मूली, या फिर अंडे की भुर्जी, हर बनचन का अपना एक अलग अंदाज़ और कहानी होती है। मैंने कई बार कोरियन रेस्टोरेंट्स में देखा है कि लोग अपने मेन कोर्स से ज़्यादा इन बनचन का इंतज़ार करते हैं, और उन्हें बार-बार भरवाते हैं। ये सिर्फ़ पेट ही नहीं भरते, बल्कि आत्मा को भी संतुष्टि देते हैं। इनकी ख़ासियत यह है कि ये हर स्वाद पसंद करने वाले के लिए कुछ न कुछ ज़रूर परोसते हैं, चाहे वह मीठा हो, खट्टा हो, तीखा हो या नमकीन। इनका यह वैरायटी वाला गुण ही इन्हें इतना पसंद आने वाला बनाता है।
हर थाली की शान, हर ज़ुबान की पहचान
आप मानेंगे नहीं, लेकिन मैंने खुद महसूस किया है कि बनचन का जादू सिर्फ़ कोरिया तक ही सीमित नहीं है। अब तो भारत में भी मेरे दोस्त और फॉलोअर्स मुझसे अक्सर कोरियन बनचन की रेसिपीज़ पूछते हैं। मेरी एक पड़ोसी हैं, जिन्हें कोरियन खाने का चस्का लगा है, उन्होंने तो अपनी रोज़मर्रा की दाल-रोटी के साथ भी किमची खाना शुरू कर दिया है!
यह दिखाता है कि कैसे ये व्यंजन धीरे-धीरे हमारे खाने की आदतों का हिस्सा बनते जा रहे हैं। ये केवल रेस्टोरेंट में ही नहीं, बल्कि अब हमारे घरों की रसोई में भी अपनी जगह बना रहे हैं। मुझे याद है, एक बार मैंने अपने घर पर कोरियन खाना बनाया था और बनचन की इतनी सारी वैरायटीज़ तैयार की थीं कि मेहमान मेन कोर्स भूलकर बस इन्हीं की तारीफ़ करते रह गए। वे स्वाद में इतने लाजवाब होते हैं कि एक बार खाओ, तो बार-बार खाने का मन करता है। ये हमारी प्लेट को रंगीन और स्वाद से भरपूर बना देते हैं, और यही इनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है।
कैसे बना बनचन, ग्लोबल फ़ूड सेंसेशन?
सोशल मीडिया का कमाल और शेफ़्स का प्यार
आजकल सोशल मीडिया का ज़माना है, और बनचन को दुनिया भर में मशहूर करने में इसका बहुत बड़ा हाथ है। मैंने इंस्टाग्राम पर अनगिनत फ़ूड ब्लॉगर्स को देखा है जो रंग-बिरंगे बनचन प्लेट्स की तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हैं। ये देखने में इतने आकर्षक होते हैं कि कोई भी इन्हें ट्राई किए बिना रह नहीं पाता। मुझे याद है, एक बार मैंने एक कोरियन कुकिंग शो देखा था जिसमें एक शेफ़ ने बनचन बनाने के इतने आसान तरीके बताए थे कि मुझे भी लगा, ‘अरे, ये तो मैं भी बना सकती हूँ!’ और जब मैंने ट्राई किया, तो सचमुच बहुत अच्छा बना। इस तरह, कोरियन शेफ़्स और फ़ूड इन्फ्लुएंसर्स ने भी बनचन को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने न केवल इनकी रेसिपीज़ शेयर कीं, बल्कि इन्हें और भी क्रिएटिव तरीकों से पेश करना सिखाया। यही वजह है कि आज हर छोटा-बड़ा फ़ूड ब्लॉगर बनचन की बात करता है, और इसे अपनी रसोई में आज़माता है।
घर-घर तक पहुँची कोरियन संस्कृति की खुशबू
कोरियन ड्रामा और के-पॉप की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ कोरियन खाने की भी धूम मची है। जब हम अपने पसंदीदा ड्रामा में हीरो-हीरोइन को स्वादिष्ट कोरियन खाना खाते देखते हैं, तो अनायास ही हमारा मन भी उन्हें चखने का करता है। बनचन इन दृश्यों का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं। मैंने खुद महसूस किया है कि जब मैं कोई कोरियन ड्रामा देखती हूँ, तो मुझे उसमें दिखाए जाने वाले खाने की इतनी क्रेविंग होती है कि मैं तुरंत उसे बनाने की रेसिपी ढूंढने लगती हूँ। यह सिर्फ़ खाने की बात नहीं है, बल्कि यह कोरियन संस्कृति का एक हिस्सा है जिसे लोग बड़े चाव से अपना रहे हैं। बनचन इस संस्कृति के सबसे छोटे लेकिन सबसे शक्तिशाली दूत हैं, जो अपने स्वाद और विविधता से लोगों को कोरियन लाइफस्टाइल के करीब ला रहे हैं। वे सिर्फ़ स्वाद ही नहीं, बल्कि एक पूरी सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे लोग अब बड़े उत्साह से अपना रहे हैं।
बनचन की वो ख़ासियतें जो हर किसी को भा गईं
विविधता और पोषण का संगम: स्वास्थ्य और स्वाद एक साथ
बनचन की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि वे सिर्फ़ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। कोरियन खाने में सब्ज़ियों का भरपूर इस्तेमाल होता है, और बनचन इसी का एक बेहतरीन उदाहरण हैं। मैंने देखा है कि कोरियन थाली में आपको हर तरह की सब्ज़ियां, फर्मेंटेड फ़ूड और प्रोटीन मिलेंगे, और ये सब बनचन के रूप में मौजूद होते हैं। मुझे याद है, एक बार मैं अपनी एक दोस्त के साथ कोरियन रेस्टोरेंट गई थी, जो अपनी हेल्थ को लेकर बहुत कॉन्शियस रहती है। उसने बनचन की इतनी तारीफ़ की थी कि मैं भी हैरान रह गई। उसका कहना था कि इन छोटे-छोटे व्यंजनों में इतनी वैरायटी है कि हर बाइट में एक नया स्वाद और नया पोषण मिलता है। किमची जैसे फर्मेंटेड बनचन तो प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो पाचन के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। इस तरह, बनचन सिर्फ़ स्वाद ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हैं, और यही इन्हें इतना ख़ास बनाता है।
आसानी से बनने वाले और स्वाद में बेमिसाल
मुझे यह देखकर हमेशा हैरानी होती है कि इतने स्वादिष्ट बनचन बनाना कितना आसान हो सकता है। मैंने कई बार खुद घर पर बनचन ट्राई किए हैं, और मेरे लिए सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें से ज़्यादातर को बनाने में बहुत कम समय लगता है। कुछ बनचन तो इतने सरल होते हैं कि उन्हें सिर्फ़ कुछ सामग्री और थोड़े से मसालों के साथ ही तैयार किया जा सकता है। यह उनकी एक और बड़ी ख़ासियत है जो उन्हें दुनिया भर में इतना लोकप्रिय बनाती है। आप आसानी से घर पर अपने पसंदीदा बनचन बना सकते हैं, और अपने खाने को एक कोरियन ट्विस्ट दे सकते हैं। मैं तो अक्सर अपने डिनर में एक या दो बनचन ज़रूर शामिल करती हूँ, ताकि खाने में थोड़ी वैरायटी बनी रहे। मुझे लगता है कि यह उनकी सादगी ही है जो उन्हें इतना आकर्षक बनाती है।
मेरे पसंदीदा बनचन और उन्हें बनाने के कुछ सिक्रेट टिप्स
किमची से लेकर गेम-जान तक: स्वाद की अनोखी दुनिया
अगर आप मुझसे पूछेंगे कि मेरा पसंदीदा बनचन कौन सा है, तो यह चुनना बहुत मुश्किल होगा! लेकिन अगर मुझे एक चुनना पड़े, तो वह ज़रूर किमची होगी। किमची सिर्फ़ एक बनचन नहीं, बल्कि यह कोरियन खाने का प्रतीक है। इसका तीखा, खट्टा और थोड़ा मीठा स्वाद मुझे हमेशा अपनी ओर खींचता है। मैंने कई बार घर पर खुद किमची बनाने की कोशिश की है, और हर बार कुछ नया सीखा है। इसके अलावा, मुझे गेम-जान (अंडे की भुर्जी), सिगेउम्ची-नामुअल (पालक का सलाद), और ओई-मुचिम (खीरे का सलाद) भी बहुत पसंद हैं। ये सभी अपनी-अपनी जगह पर कमाल के स्वाद वाले हैं। हर बनचन की अपनी एक अलग पहचान है, और यही चीज़ मुझे कोरियन खाने की ओर और ज़्यादा आकर्षित करती है।
घर पर कैसे बनाएँ रेस्टोरेंट जैसा स्वाद

मैंने अपने अनुभव से सीखा है कि घर पर रेस्टोरेंट जैसा बनचन बनाने के लिए कुछ छोटी-छोटी बातें ध्यान में रखनी पड़ती हैं। सबसे पहले, सामग्री की गुणवत्ता बहुत मायने रखती है। ताज़ी सब्ज़ियां और अच्छी क्वालिटी के मसाले आपके बनचन के स्वाद को दोगुना कर देंगे। दूसरा, कोरियन खाना बनाने में सॉस और पेस्ट का इस्तेमाल बहुत होता है, जैसे गोचुजांग, डोएनजांग और सोया सॉस। इनका सही अनुपात में इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी है। तीसरा, धैर्य रखना!
खासकर जब आप किमची जैसे फर्मेंटेड बनचन बना रहे हों, तो उसे सही समय तक फर्मेंट होने देना चाहिए ताकि उसका असली स्वाद निखर कर आए। इन टिप्स को अपनाकर मैंने कई बार अपने दोस्तों को इम्प्रेस किया है, और आप भी कर सकते हैं!
| बनचन का नाम | मुख्य सामग्री | स्वाद प्रोफ़ाइल | ख़ासियत |
|---|---|---|---|
| किमची (Kimchi) | नाशपाती, मूली, हरी प्याज़, गोचुगालू | तीखा, खट्टा, थोड़ा मीठा | प्रोबायोटिक्स से भरपूर, कोरियन खाने का प्रतीक |
| गेएम-जान (Gyeran-jang) | अंडे, गाजर, प्याज़, नमक | नमकीन, हल्का मीठा | बच्चों और बड़ों दोनों को पसंद, बनाने में आसान |
| सिगेउम्ची-नामुअल (Sigeumchi-namul) | पालक, लहसुन, सोया सॉस, तिल का तेल | हल्का नमकीन, पौष्टिक | विटामिन और मिनरल्स से भरपूर, हेल्दी विकल्प |
| ओई-मुचिम (Oi-muchim) | खीरा, गोचुगालू, सिरका, लहसुन | खट्टा, तीखा, कुरकुरा | गर्मियों के लिए बेहतरीन, ताज़गी भरा स्वाद |
बनचन और भारतीय खाने का मेल: एक नया स्वाद अनुभव
कोरियन बनचन के साथ भारतीय खाने का ट्विस्ट
मैंने हमेशा सोचा है कि अगर कोरियन बनचन को भारतीय खाने के साथ परोसा जाए तो कैसा लगेगा? और जब मैंने इसे ट्राई किया, तो सचमुच एक नया ही स्वाद अनुभव मिला। मेरी एक दोस्त ने सुझाव दिया कि मैं अपनी रोज़ की दाल-चावल के साथ किमची ट्राई करूँ। मैंने पहले सोचा, ‘पता नहीं कैसा लगेगा’, लेकिन जब मैंने खाया तो मुझे बहुत पसंद आया। किमची का तीखा और खट्टापन दाल के साथ मिलकर एक अद्भुत स्वाद देता है। इसी तरह, मैंने तंदूरी चिकन के साथ मूली का बनचन खाया है, और वह भी बहुत अच्छा लगा। ये छोटे-छोटे प्रयोग हमारे खाने को और भी मज़ेदार बना देते हैं, और हमें अलग-अलग संस्कृतियों के स्वाद का अनुभव करने का मौका देते हैं। मुझे लगता है कि यह फ़्यूज़न सिर्फ़ खाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दो संस्कृतियों को एक साथ लाने का एक बढ़िया तरीका है।
जब दो संस्कृतियाँ मिलीं, तो क्या हुआ कमाल
यह देखना कितना दिलचस्प है कि कैसे दो अलग-अलग खाने की संस्कृतियां एक साथ मिलकर कुछ नया और अद्भुत बना सकती हैं। बनचन और भारतीय खाने का यह मेल सिर्फ़ स्वाद का ही नहीं, बल्कि दोस्ती और समझ का भी प्रतीक है। मैंने कई बार देखा है कि मेरे भारतीय दोस्त, जो पहले कोरियन खाने से झिझकते थे, अब बनचन को अपनी प्लेट में खुशी-खुशी शामिल करते हैं। यह बदलाव मुझे बहुत पसंद आता है। यह दिखाता है कि कैसे खाना हमें एक-दूसरे के करीब ला सकता है, और हमें नई चीज़ें आज़माने के लिए प्रेरित कर सकता है। जब मैं अपने घर पर कोरियन-भारतीय फ़्यूज़न मील बनाती हूँ, तो मेरे दोस्त हमेशा कुछ नया और स्वादिष्ट खाने की उम्मीद करते हैं, और मुझे उन्हें निराश करना पसंद नहीं है।
बनचन: सिर्फ़ साइड डिश नहीं, एक पूरी कहानी
कोरियन जीवनशैली का अभिन्न अंग
बनचन कोरियन लोगों की जीवनशैली का एक अभिन्न अंग हैं। यह सिर्फ़ उनके खाने का हिस्सा नहीं, बल्कि उनकी संस्कृति, उनके इतिहास और उनके परिवार के प्यार का भी प्रतीक है। कोरियन परिवारों में बनचन बनाने की रेसिपीज़ अक्सर पीढ़ी-दर-पीढ़ी दी जाती हैं, और हर घर का अपना एक ख़ास स्वाद होता है। मुझे याद है, मेरी एक कोरियन दोस्त ने मुझे बताया था कि उसकी दादी कैसे हर साल सर्दियों में पूरे परिवार के लिए ढेर सारी किमची बनाती थीं, और यह उनके लिए एक बड़ा इवेंट होता था। यह सिर्फ़ एक खाने की तैयारी नहीं, बल्कि एक पारिवारिक परंपरा थी। बनचन हमें यह सिखाते हैं कि खाना सिर्फ़ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि रिश्तों को जोड़ने और कहानियाँ सुनाने का भी एक ज़रिया है।
बदलते ज़माने में बनचन की बदलती भूमिका
आजकल दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है, और बनचन भी इस बदलाव का हिस्सा बन रहे हैं। जहाँ पहले इन्हें सिर्फ़ घर पर या कोरियन रेस्टोरेंट्स में ही खाया जाता था, वहीं अब ये दुनिया भर के सुपरमार्केट्स में उपलब्ध हैं। लोग अब इन्हें न सिर्फ़ कोरियन खाने के साथ, बल्कि अपने रोज़मर्रा के खाने के साथ भी आज़मा रहे हैं। यह उनकी बढ़ती लोकप्रियता का सबूत है। मुझे लगता है कि बनचन का यह सफ़र अभी और लंबा चलेगा, और ये दुनिया भर के लोगों के दिलों और रसोई में अपनी जगह बनाते रहेंगे। यह सिर्फ़ एक फ़ूड ट्रेंड नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक क्रांति है जो हमें दुनिया भर के स्वादों से जोड़ रही है।
글을마치며
तो दोस्तों, बनचन सिर्फ़ छोटे-मोटे साइड डिश नहीं हैं, बल्कि ये कोरियन संस्कृति की एक मीठी और तीखी पहचान हैं। मेरी इस यात्रा में, मैंने इन छोटे व्यंजनों के ज़रिए कोरियन खाने और वहाँ की जीवनशैली को और गहराई से समझा है। मुझे उम्मीद है कि आपने भी इस पोस्ट को पढ़कर बनचन के जादू को महसूस किया होगा और शायद अब आप भी अपनी रसोई में इन्हें आज़माने के लिए उत्साहित होंगे। याद रखिए, खाना सिर्फ़ पेट भरने के लिए नहीं होता, यह रिश्तों को जोड़ता है और नई कहानियाँ बनाता है।
इन छोटे-छोटे लेकिन दमदार पकवानों ने न सिर्फ़ मेरी थाली को रंगीन बनाया है, बल्कि मेरे स्वाद के सफ़र में भी एक नया अध्याय जोड़ा है। सच कहूँ तो, जब भी मैं बनचन बनाती या खाती हूँ, मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं कोरिया के किसी छोटे से कैफ़े में बैठकर वहाँ के स्वाद का लुत्फ़ उठा रही हूँ। यह अनुभव इतना अद्भुत होता है कि मैं चाहती हूँ आप सब भी इसे ज़रूर जिएँ। चलिए, स्वाद की इस अद्भुत दुनिया में एक साथ गोता लगाते हैं!
알아두면 쓸मो 있는 정보
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बनचन को हमेशा ताज़ा बनाएँ या ख़रीदें: इनके स्वाद का असली मज़ा तभी आता है जब ये ताज़े हों। फर्मेंटेड किमची जैसे कुछ बनचन समय के साथ और बेहतर होते हैं, लेकिन बाकी को ताज़ा ही रखना बेहतर है। मैंने खुद देखा है कि ताज़ी सब्ज़ियों से बने बनचन का स्वाद कहीं ज़्यादा अच्छा होता है।
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सामग्री की गुणवत्ता पर ध्यान दें: अगर आप घर पर बनचन बना रहे हैं, तो अच्छी क्वालिटी की सब्ज़ियां और कोरियन सॉस (जैसे गोचुजांग, डोएनजांग) का इस्तेमाल करें। इससे स्वाद में ज़मीन-आसमान का फ़र्क आता है। सस्ते और कम गुणवत्ता वाले सॉस आपके बनचन का स्वाद बिगाड़ सकते हैं। मेरा अपना अनुभव कहता है कि अच्छी सामग्री निवेश के लायक है।
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बनचन को भारतीय खाने के साथ आज़माएँ: दाल-चावल, रोटी-सब्जी या यहाँ तक कि स्नैक्स के साथ भी बनचन का एक अलग ही ट्विस्ट मिलता है। मैंने खुद इसे आज़माया है और यह सचमुच कमाल का अनुभव देता है। खासकर, तीखी किमची दाल-चावल के साथ तो एक नया ही स्वाद जगाती है।
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फ़्रीज़िंग से बचें: ज़्यादातर बनचन को फ़्रीज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उनकी बनावट और स्वाद बिगड़ सकता है। उन्हें एयरटाइट कंटेनर में फ्रिज में स्टोर करें और कुछ दिनों के भीतर खा लें। मैंने एक बार कुछ बनचन फ़्रीज़ किए थे और वे अपनी ताज़गी खो बैठे थे, इसलिए यह गलती दोबारा मत दोहराना।
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न सिर्फ़ साइड डिश: बनचन को सिर्फ़ साइड डिश समझने की गलती न करें। कुछ बनचन, जैसे कि जिओन (पैनकेक) या किमची-बुचिमगे, अपने आप में ही एक पूरा स्नैक या हल्का भोजन बन सकते हैं। आप इन्हें अपनी शाम की चाय के साथ भी परोस सकते हैं, मेरा विश्वास करें, यह सबको पसंद आएगा!
중요 사항 정리
हमने देखा कि बनचन सिर्फ़ स्वाद ही नहीं, बल्कि पोषण और सांस्कृतिक समृद्धि का भी संगम हैं। इनकी विविधता, बनाने में आसानी और हर खाने के साथ घुल-मिल जाने की ख़ासियत ही इन्हें इतना लोकप्रिय बनाती है। ये कोरियन जीवनशैली का अभिन्न अंग हैं और धीरे-धीरे पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रहे हैं। तो अगली बार जब आप कोरियन खाने का आनंद लें, तो बनचन को नज़रअंदाज़ न करें, क्योंकि असली जादू तो उन्हीं छोटी कटोरियों में छिपा है! मुझे पूरा यकीन है कि बनचन का यह सफ़र अभी और दिलचस्प होने वाला है, और ये हमारे खाने की मेज़ पर हमेशा अपनी जगह बनाए रखेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 📖
प्र: बनचन आखिर होते क्या हैं, और ये कोरियन खाने में इतनी अहमियत क्यों रखते हैं?
उ: अरे वाह! यह तो बहुत ही बढ़िया सवाल है, क्योंकि बनचन ही कोरियन खाने की आत्मा हैं, ऐसा मेरा मानना है। सीधे शब्दों में कहूँ तो, बनचन कोरियन भोजन के साथ परोसे जाने वाले छोटे-छोटे साइड डिशेज़ होते हैं। ये सिर्फ एक या दो नहीं, बल्कि कभी-कभी तो एक साथ दस-पंद्रह तरह के होते हैं!
कल्पना कीजिए, आपकी मेज पर चावल और मुख्य व्यंजन के साथ किमची, अलग-अलग तरह की सब्ज़ियों की सलाद, मछली के व्यंजन और न जाने क्या-क्या छोटे-छोटे कटोरे में सजे हुए हों। ये सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि पूरी थाली को एक कला का रूप दे देते हैं। कोरियन संस्कृति में, खाने को एक साथ बैठकर बांटना बहुत ज़रूरी माना जाता है, और बनचन इसी का एक अभिन्न हिस्सा हैं। हर बनचन का अपना एक अलग स्वाद और बनावट होती है, जो मुख्य डिश के स्वाद को संतुलित करती है। जैसे अगर मुख्य डिश थोड़ी तीखी है, तो कोई मीठा बनचन उसका स्वाद हल्का करेगा, या फिर अगर कोई डिश ज़्यादा मसालेदार नहीं है, तो किमची जैसा तीखा बनचन उसे जानदार बना देगा। मैंने खुद महसूस किया है कि बनचन के बिना कोरियन खाना अधूरा सा लगता है, ये सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि स्वाद का एक पूरा अनुभव देने के लिए होते हैं।
प्र: आजकल हर कोई बनचन के बारे में बात क्यों कर रहा है? इनकी लोकप्रियता इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ रही है?
उ: सच कहूँ तो, मुझे लगता है कि बनचन की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे कई कारण हैं, और मैंने खुद इस बदलाव को अपनी आँखों से देखा है! पहला तो, सोशल मीडिया का जादू है। जब से कोरियन ड्रामा और के-पॉप पूरी दुनिया में छाए हैं, लोग कोरियन संस्कृति और खासकर उनके खाने के बारे में जानना चाहते हैं। सोशल मीडिया पर रंग-बिरंगे और खूबसूरत बनचन की तस्वीरें देखकर भला कौन नहीं ललचाएगा?
दूसरा, इनकी विविधता और ताज़गी है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग स्वस्थ और पौष्टिक खाना पसंद करते हैं। बनचन में अक्सर ताज़ी सब्ज़ियाँ और किण्वित (fermented) खाद्य पदार्थ होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। किमची, जिसे अब लोग सुपरफूड कहते हैं, उसका क्रेज़ तो आप सब जानते ही हैं!
मुझे लगता है कि लोग अब सिर्फ एक व्यंजन से संतुष्ट नहीं होते, उन्हें खाने में भी एक्सपेरिमेंट और वैरायटी चाहिए होती है, और बनचन इस ज़रूरत को बखूबी पूरा करते हैं। छोटे-छोटे अलग-अलग स्वाद के व्यंजन, जो एक साथ मिलकर एक बेहतरीन अनुभव देते हैं – यही तो आजकल के खाने के शौकीनों को चाहिए। मेरा अनुभव तो यही कहता है कि बनचन ने लोगों को कोरियन खाने से प्यार करना सिखाया है।
प्र: क्या हम घर पर भी ये स्वादिष्ट बनचन आसानी से बना सकते हैं, और शुरुआती लोगों के लिए कौन से बनचन बेस्ट रहेंगे?
उ: बिल्कुल, बिल्कुल! घर पर बनचन बनाना जितना लगता है, उससे कहीं ज़्यादा आसान है, और मैंने खुद अपनी रसोई में कई बार कोशिश की है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कई बनचन तो सिर्फ कुछ ही मिनटों में बन जाते हैं!
अगर आप अभी-अभी बनचन बनाना सीख रहे हैं, तो मैं आपको कुछ बहुत ही आसान और लोकप्रिय बनचन से शुरुआत करने की सलाह दूँगी। सबसे पहले तो, ‘कोंगनामुल मुचिम’ (उबले हुए सोयाबीन स्प्राउट्स की सलाद)। इसमें बस स्प्राउट्स को हल्का सा उबालकर लहसुन, तिल का तेल, सोया सॉस और तिल के साथ मिलाना होता है। यह हल्का, ताज़ा और बहुत ही स्वादिष्ट होता है!
दूसरा है ‘सिग्यूमची नामुल’ (पालक की सलाद)। यह भी कोंगनामुल मुचिम की तरह ही बनता है, बस पालक का इस्तेमाल होता है। मेरा पसंदीदा तो ‘गेरान मारी’ (कोरियन रोल्ड ऑमलेट) है, यह बच्चों और बड़ों दोनों को बहुत पसंद आता है और बनाने में भी बहुत मज़ा आता है। आपको बस अंडे फेंटकर उसमें थोड़ी सब्ज़ियाँ मिलाकर तवे पर एक के ऊपर एक परत बनाकर रोल करना है। यकीन मानिए, एक बार आप घर पर बनाना शुरू करेंगे, तो आपको भी मेरी तरह इन छोटे-छोटे स्वादिष्ट व्यंजनों से प्यार हो जाएगा, और फिर रेस्टोरेंट जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी!
इन्हें बनाने का मेरा अपना अनुभव रहा है कि यह सिर्फ खाना बनाना नहीं, बल्कि एक कला है, जो मुझे बहुत खुशी देती है।






